NPS-UPS नई सुविधा 2025: अब 75% फंड इक्विटी में निवेश की अनुमति
भारत सरकार ने नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) और यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) में बड़ा सुधार किया है। अब सरकारी कर्मचारियों को अपने पेंशन फंड का 75% हिस्सा शेयर बाजार (Equity Market) में निवेश करने की अनुमति मिल गई है।
पहले यह सीमा केवल 50% तक थी।
यह फैसला वित्त मंत्रालय ने शनिवार को जारी आदेश में घोषित किया। इस बदलाव से करीब 25 लाख केंद्रीय कर्मचारी और जल्द ही मध्य प्रदेश के 4.5 लाख कर्मचारी भी लाभान्वित होंगे।
💹 नए नियम से रिटर्न दोगुना होने की संभावना
पहले सरकारी कर्मचारियों का फंड लगभग 6.5 साल में दोगुना होता था,
लेकिन अब 75% इक्विटी निवेश की अनुमति से यह अवधि घटकर 3 से 4 साल रह सकती है।
💰 अब फंड दोगुना होगा पहले से जल्दी
पहले सरकारी कर्मचारियों का NPS फंड करीब 6.5 साल में दोगुना होता था। लेकिन नए निवेश विकल्प के बाद, वही फंड अब सिर्फ 3 से 4 साल में दोगुना हो सकता है।
📊 पुराने नियम के हिसाब से:
50% शेयर मार्केट में निवेश
33 साल बाद फंड लगभग ₹3 करोड़
🆕 नए नियम के हिसाब से:
75% शेयर मार्केट में निवेश
33 साल बाद वही फंड ₹13 करोड़ तक पहुँच सकता है
📈 एक उदाहरण से समझें
मान लीजिए किसी कर्मचारी की मासिक सैलरी ₹50,000 है।
कर्मचारी का योगदान – 10% = ₹5,000
सरकार का योगदान – 14% = ₹7,000
👉 कुल निवेश = ₹12,000 प्रति माह
🔹 पुराने नियम (50% इक्विटी) में:
₹6,000 शेयर मार्केट में, ₹6,000 बॉन्ड में
औसत रिटर्न 15% मानें तो 33 साल में फंड लगभग ₹2.96 करोड़
🔹 नए नियम (75% इक्विटी) में:
₹9,000 शेयर मार्केट में, ₹3,000 बॉन्ड में
औसत रिटर्न 15% मानें तो 33 साल में फंड लगभग ₹13 करोड़
🔒 सरकार का लक्ष्य: सुरक्षित और लाभदायक रिटायरमेंट
वित्त मंत्रालय के इस कदम से कर्मचारियों को अधिक रिटर्न और बेहतर रिटायरमेंट सुरक्षा मिलेगी।
शेयर बाजार में 75% तक निवेश की छूट से पेंशन फंड तेजी से बढ़ेगा और कर्मचारियों की वृद्धावस्था आर्थिक रूप से सुरक्षित होगी।
🏦 NPS-UPS नई योजना के प्रमुख फायदे
✅ अब 75% तक इक्विटी निवेश की अनुमति
✅ रिटर्न रेट पहले से 2-3 गुना तेज
✅ सरकार और कर्मचारी दोनों का योगदान
✅ लंबी अवधि में करोड़ों रुपये का फंड
✅ भविष्य में निजी क्षेत्र के लिए भी लागू हो सकता है
🔍 निष्कर्ष
NPS-UPS में इक्विटी निवेश की सीमा बढ़ना सरकारी कर्मचारियों के लिए ऐतिहासिक फैसला है।
अब कर्मचारी अपने रिटायरमेंट फंड को पहले से कहीं अधिक बढ़ा सकेंगे और 33 साल बाद ₹13 करोड़ तक की पूंजी जुटाना संभव होगा।
यह कदम युवाओं में निवेश की जागरूकता बढ़ाने और स्मार्ट रिटायरमेंट प्लानिंग की दिशा में बड़ा बदलाव लाएगा।
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